गांधीनगर, 22 सितंबर (आईएएनएस) गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने रविवार को राज्य के 100 से अधिक छात्रों और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को सम्मानित करते हुए कहा कि देश की सफलता सीधे तौर पर शिक्षित समाज से जुड़ी हुई है।
गांधीनगर: रविवार को 100 से अधिक विद्यार्थियों और सेवानिवृत्त राज्य कर्मचारियों को सम्मानित करते हुए गुजरात मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल उन्होंने कहा कि राष्ट्र की समृद्धि देश की प्रगति से घनिष्ठ रूप से जुड़ी हुई है। शिक्षित समाज.
मुख्यमंत्री ने कहा, “विकसित भारत की सफलता सीधे तौर पर शिक्षित समाज से जुड़ी हुई है।” उन्होंने प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को इस लक्ष्य को प्राप्त करने में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित किया।
मुख्यमंत्री ने गांधीनगर के टाउन हॉल में टेर गोल गुरु ब्राह्मण समाज सेवा समिति द्वारा आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा, “काम करना हमारा कर्तव्य है और जो लोग लगन से अपने कर्तव्यों का पालन करते हैं, उनका कार्य सहजता से पूरा हो जाता है।”
उन्होंने आगे इसके महत्व पर प्रकाश डाला 21वीं सदी में शिक्षाइसे विकसित भारत की नींव बताया।
मुख्यमंत्री ने नवनियुक्त कर्मचारियों की समर्पण और कड़ी मेहनत के माध्यम से समाज में योगदान देने की क्षमता के बारे में भी आशा व्यक्त की।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि समुदाय की प्रगति के लिए शिक्षा आवश्यक है तथा कहा कि, “केवल शिक्षा के माध्यम से ही समाज आत्मनिर्भर बन सकता है।”
10वीं और 12वीं कक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित करने के अलावा मुख्यमंत्री ने गुरु ब्राह्मण समाज के पारंपरिक व्यवसायों जैसे ज्योतिष और धार्मिक अनुष्ठानों की भी सराहना की।
उन्होंने गुजरात के विकास और व्यापक स्तर पर भारत के विकास में योगदान देने के लिए इन प्रथाओं में शिक्षा को एकीकृत करने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने समुदाय के राज्य सरकार में सेवा दे चुके सेवानिवृत्त कर्मचारियों, नवनियुक्त कर्मचारियों और प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र भी प्रदान किए।
मुख्यमंत्री ने कहा, “विकसित भारत की सफलता सीधे तौर पर शिक्षित समाज से जुड़ी हुई है।” उन्होंने प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को इस लक्ष्य को प्राप्त करने में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित किया।
मुख्यमंत्री ने गांधीनगर के टाउन हॉल में टेर गोल गुरु ब्राह्मण समाज सेवा समिति द्वारा आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा, “काम करना हमारा कर्तव्य है और जो लोग लगन से अपने कर्तव्यों का पालन करते हैं, उनका कार्य सहजता से पूरा हो जाता है।”
उन्होंने आगे इसके महत्व पर प्रकाश डाला 21वीं सदी में शिक्षाइसे विकसित भारत की नींव बताया।
मुख्यमंत्री ने नवनियुक्त कर्मचारियों की समर्पण और कड़ी मेहनत के माध्यम से समाज में योगदान देने की क्षमता के बारे में भी आशा व्यक्त की।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि समुदाय की प्रगति के लिए शिक्षा आवश्यक है तथा कहा कि, “केवल शिक्षा के माध्यम से ही समाज आत्मनिर्भर बन सकता है।”
10वीं और 12वीं कक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित करने के अलावा मुख्यमंत्री ने गुरु ब्राह्मण समाज के पारंपरिक व्यवसायों जैसे ज्योतिष और धार्मिक अनुष्ठानों की भी सराहना की।
उन्होंने गुजरात के विकास और व्यापक स्तर पर भारत के विकास में योगदान देने के लिए इन प्रथाओं में शिक्षा को एकीकृत करने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने समुदाय के राज्य सरकार में सेवा दे चुके सेवानिवृत्त कर्मचारियों, नवनियुक्त कर्मचारियों और प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र भी प्रदान किए।