नई दिल्ली [India]28 जुलाई (एएनआई): केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की चौथी वर्षगांठ को “शिक्षा सप्ताह” नामक एक सप्ताह के अभियान के साथ मना रहा है, जैसा कि रविवार को एक आधिकारिक विज्ञप्ति में घोषणा की गई है। विज्ञप्ति के अनुसार, देश भर के सात स्कूल विद्यांजलि और तिथि भोजन पहल के माध्यम से शिक्षा में सामुदायिक भागीदारी बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
7 सितंबर, 2021 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉन्च किया गया, विद्यांजलि शिक्षा मंत्रालय के तहत स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा संचालित एक स्कूल स्वयंसेवक प्रबंधन कार्यक्रम है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य देश भर में समुदाय, कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) प्रयासों और निजी क्षेत्र की भागीदारी को शामिल करके स्कूलों को मजबूत करना और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना है।
अभियान के एक भाग के रूप में, स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने स्कूलों के लिए सुझाई गई गतिविधियों की एक सूची उपलब्ध कराई है।
स्कूल विद्यांजलि पोर्टल पर खुद को जोड़ने और सहायता प्रदान करने के लिए स्थानीय स्वयंसेवकों की पहचान करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। वे स्कूलों में “वॉल ऑफ फेम/नोटिस बोर्ड” पर सक्रिय स्वयंसेवकों के नाम भी प्रदर्शित करेंगे।
इसके अतिरिक्त, प्रधानाचार्य, शिक्षक और छात्र इन स्वयंसेवकों को आभार पत्र लिखेंगे।
सामुदायिक जागरूकता गतिविधियां, जैसे रैलियां, नुक्कड़ नाटक, पोस्टर-निर्माण, तथा स्वयंसेवी गतिविधियों के बारे में चार्ट-निर्माण, भी आयोजित की जाएंगी।
अभियान की सफलता सुनिश्चित करने के लिए राज्य और जिला स्तर के अधिकारी सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं। ये प्रयास राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के शिक्षा में सामुदायिक भागीदारी बढ़ाने के लक्ष्य के अनुरूप हैं।
इन गतिविधियों का उद्देश्य विद्यांजलि पोर्टल के माध्यम से स्कूलों, स्वयंसेवकों और समुदाय को एक साथ लाकर छात्रों और शिक्षकों के लिए एक मजबूत सहायता प्रणाली का निर्माण करना और बेहतर शिक्षण वातावरण का निर्माण करना है। (एएनआई)
7 सितंबर, 2021 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉन्च किया गया, विद्यांजलि शिक्षा मंत्रालय के तहत स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा संचालित एक स्कूल स्वयंसेवक प्रबंधन कार्यक्रम है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य देश भर में समुदाय, कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) प्रयासों और निजी क्षेत्र की भागीदारी को शामिल करके स्कूलों को मजबूत करना और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना है।
अभियान के एक भाग के रूप में, स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने स्कूलों के लिए सुझाई गई गतिविधियों की एक सूची उपलब्ध कराई है।
स्कूल विद्यांजलि पोर्टल पर खुद को जोड़ने और सहायता प्रदान करने के लिए स्थानीय स्वयंसेवकों की पहचान करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। वे स्कूलों में “वॉल ऑफ फेम/नोटिस बोर्ड” पर सक्रिय स्वयंसेवकों के नाम भी प्रदर्शित करेंगे।
इसके अतिरिक्त, प्रधानाचार्य, शिक्षक और छात्र इन स्वयंसेवकों को आभार पत्र लिखेंगे।
सामुदायिक जागरूकता गतिविधियां, जैसे रैलियां, नुक्कड़ नाटक, पोस्टर-निर्माण, तथा स्वयंसेवी गतिविधियों के बारे में चार्ट-निर्माण, भी आयोजित की जाएंगी।
अभियान की सफलता सुनिश्चित करने के लिए राज्य और जिला स्तर के अधिकारी सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं। ये प्रयास राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के शिक्षा में सामुदायिक भागीदारी बढ़ाने के लक्ष्य के अनुरूप हैं।
इन गतिविधियों का उद्देश्य विद्यांजलि पोर्टल के माध्यम से स्कूलों, स्वयंसेवकों और समुदाय को एक साथ लाकर छात्रों और शिक्षकों के लिए एक मजबूत सहायता प्रणाली का निर्माण करना और बेहतर शिक्षण वातावरण का निर्माण करना है। (एएनआई)